संतों ने बताया अमृत स्नान का महत्व, बोले- एक हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर मिलता है पुण्य
निरंजनी अखाड़े के नागा साधु सिद्ध पुरी भगवान को याद करते हुए बताया कि "सुबह चार बजे उठकर स्नान करके ध्यान लगाना चाहिए. मूर्ति पूजा करने और न करने दोनों परिस्थिति में ईश्वर को याद करना चाहिए.