
महाकुंभ में 31 दिनों में 38 लाख श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया महाप्रसाद, 30 लाख आरती संग्रह बांटी गई
इस सेवा से लाखों लोग न केवल भक्ति बल्कि तृप्ति का अनुभव भी कर रहे हैं. मौनी अमावस्या में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने इस महाप्रसाद को प्राप्त किया है, जो इस सेवा की विशालता और प्रभावशीलता को दर्शाता है.