
अकबर इलाहाबादी : हिन्दुस्तानी ज़बान और तहज़ीब के दिलेर शायर, जिन जैसा कोई दूसरा नहीं
"चलो अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाएं, अपने अधिकारों के लिए लड़ें, नहीं तो गुलामी की जंजीरें हमेशा के लिए बंध जाएंगी." अपनी कलम से अकबर इलाहाबादी ने अंग्रेजों के खिलाफ भी आवाज बुलंद की.