Mutual Fund: SIP इनफ्लो रिकॉर्ड पर, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में निवेशकों ने बंद की SIP, क्या है वजह?
05-16 IDOPRESS
Systematic Investment Plan (SIP): जो निवेशक SIP से बाहर हो रहे हैं,उनके लिए यह सही मौका है कि वे अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करें और लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर फोकस करें.
नई दिल्ली:
म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Fund investment)करने वालों के लिए SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan)एक भरोसेमंद तरीका माना जाता है. हर महीने एक तय रकम निवेश करने से लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न (long-term investment) मिलता है. लेकिन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी AMFI के ताजा आंकड़े कुछ और ही कहानी बता रहे हैं.
अप्रैल 2025 में SIP बंद करने वालों की संख्या 1.62 करोड़ के पार पहुंच गई,जो बीते महीनों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है.मार्च में 51.55 लाख SIP बंद हुई थीं,फरवरी में 54.7 लाख और जनवरी में ये संख्या 61.33 लाख रही थी.
तो क्या निवेशक म्यूचुअल फंड से भरोसा खो रहे हैं?
ऐसा बिल्कुल नहीं है. दिलचस्प बात ये है कि SIP बंद होने के बावजूद हर महीने निवेश की जाने वाली रकम यानी SIP इनफ्लो लगातार बढ़ रही है. अप्रैल में SIP इनफ्लो 26,632 करोड़ रुपए रहा,जो मार्च (25,926 करोड़ रुपए) और फरवरी (25,999 करोड़ रुपए) से ज्यादा है.इसका मतलब है कि निवेशक SIP में पैसा डालना जारी रखे हुए हैं,लेकिन कुछ SIP को बंद भी कर रहे हैं.
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
LiveMint की एक रिपोर्ट में सिद्धार्थ आलोक,AVP,इनवेस्टमेंट्स,EpsilonMoney,ने बातचीत में कहा कि,"2020 के बाद से काफी नए निवेशक मार्केट में आए हैं. बीते 5 सालों में मार्केट ने लगातार अच्छा रिटर्न दिया है,जिससे कई लोगों की उम्मीदें ज्यादा हो गई हैं. लेकिन हमें ये समझना होगा कि 5 सालों में Nifty 500 ने 25.7% CAGR दिया,जबकि 10 सालों में यह औसतन 13.9% ही रहा है. यानी लॉन्ग टर्म में 14% CAGR भी बेहतरीन है,लेकिन हमें अपनी उम्मीदें रियलिस्टिक रखनी चाहिए."उन्होंने ये भी कहा कि “जो निवेशक SIP से बाहर हो रहे हैं,उनके लिए यह सही मौका है कि वे अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करें और लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर फोकस करें.”
SIP बंद होने का मतलब घबराहट नहीं,बल्कि मैच्योरिटी
श्रीधरन सुंदरम,फाउंडर,Wealth Ladder Direct,ने बताया कि SIP बंद होने का सीधा मतलब ये नहीं है कि निवेशक घबरा गए हैं. दरअसल,पहले परमानेंट SIP की सुविधा नहीं थी,और जो SIP तीन या पांच साल पहले शुरू हुई थी,वो अब अपने आप खत्म हो रही है. SIP इनफ्लो लगातार बढ़ रहा है,जो ये दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा अभी भी कायम है.चेतन शेनॉय,एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हेड ऑफ प्रोडक्ट एंड रिसर्च,Anand Rathi Wealth,कहते हैं कि SIP बंद होने को गलत नजरिए से नहीं देखना चाहिए.उन्होंने कहा,"निवेशक अब ज्यादा मैच्योर हो चुके हैं. कई लोगों ने वोलाटाइल मार्केट में भी निवेश बनाए रखा और अब जब उनके फाइनेंशियल गोल्स पूरे हो चुके हैं,तो वो SIP से बाहर निकल रहे हैं वो भी एक प्लान के साथ."
उन्होंने बताया कि कुछ लोग स्कीम बदल रहे हैं या पोर्टफोलियो रीबैलेंस कर रहे हैं,जो ये दिखाता है कि अब निवेशकों की फाइनेंशियल समझ बढ़ रही है.
कुछ SIP की समयसीमा भी हुई पूरी
SIP एक फिक्स टेन्योर के लिए शुरू होती है जैसे कि 3 साल या 5 साल. जो SIP साल 2020 में शुरू हुई थी,वो अब 2025 में पूरी हो रही है. ऐसे में अगर कोई SIP बंद हो रही है तो जरूरी नहीं कि उसका संबंध मार्केट से हो यह एक नॉर्म प्रोसेस है.निवेशकों को क्या करना चाहिए ?
अगर आपकी SIP पूरी हो चुकी है,तो घबराने की जरूरत नहीं. अपने फाइनेंशियल गोल्स को देखकर दोबारा SIP शुरू कर सकते हैं या स्कीम चेंज कर सकते हैं. इसके साथ ही लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट की प्लानिंग करते रहें और शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हों.ये भी पढ़ें-Mutual Fund: इन 10 SIP म्यूचुअल फंड में निवेश कर पाएं तगड़ा रिटर्न,छोटी रकम से बन जाएगा करोड़ों का फंड
20 साल बाद 1 करोड़ की वैल्यू कितनी रह जाएगी? रिटायरमेंट प्लानिंग से पहले समझें ये जरूरी फॉर्मूला