न सिर्फ भबेश चंद्र रॉय बल्कि बांग्लादेश में इन हिंदुओं नेताओं की भी हो चुकी है हत्या
04-21 IDOPRESS
नई दिल्ली:
बाग्लादेश में एक और हिंदू नेता की हत्या के बाद दुनिया भर में विरोध देखने को मिल रहे हैं. भारत ने भी भबेश चंद्र रॉय की हत्या पर दुख जताया है और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हिंसा पर चिंता जताई है. आइए जानते हैं हाल के दिनों में बांग्लादेश में किन-किन हिंदू नेताओं की हत्या हुई है.
भबेश चंद्र रॉय: भबेश चंद्र रॉय (58) दिनाजपुर जिले के बसुदेवपुर गांव के निवासी थे और बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष थे. 17 अप्रैल,2025 को,चार अज्ञात हमलावरों ने उन्हें उनके घर से अपहरण कर लिया और बेरहमी से पिटाई की. बाद में उन्हें बेहोशी की हालत में उनके घर के पास छोड़ दिया गया,और अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव को और बढ़ा दिया है.हरधन रॉय (2024): हरधन रॉय रंगपुर सिटी कॉरपोरेशन के वार्ड 4 के पार्षद और अवामी लीग के सदस्य थे. अगस्त 2024 में,शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद शुरू हुई हिंसा के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना रंगपुर में हुई,और इसे हिंदू समुदाय के खिलाफ टारगेट अटैक के तौर पर देखा गया.काजल रॉय (2024):काजल रॉय भी रंगपुर के एक हिंदू पार्षद थे. अगस्त 2024 में विरोध प्रदर्शनों के दौरान उनकी हत्या कर दी गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,उन्हें भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाला गया. यह घटना शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यकों पर हमलों की लहर के दौरान हुई.प्रणब घोष (2024): प्रणब घोष की हत्या भी 2024 की हिंसा के दौरान हुई. जानकारी के अनुसार इनकी भी हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के कारण हुई है.राजेश्वर दास (2024): राजेश्वर दास को 2024 की हिंसा में मारा गया. उनकी हत्या को हिंदुओं के खिलाफ लक्षित हमलों का हिस्सा माना जाता रहा है.भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में एक हिंदू अल्पसंख्यक नेता के कथित अपहरण और हत्या की निंदा की और ढाका की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि भाबेश चंद्र रॉय की ‘‘क्रूर हत्या'' में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति नजर आ रही है.
उन्होंने कहा,‘‘हमने बांग्लादेश में एक हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को देखा है.''
जायसवाल ने कहा,‘‘यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों की योजनाबद्ध उत्पीड़न की प्रवृत्ति का एक तरीका है,जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर (अब तक) घूम रहे हैं.'' उन्होंने कहा,‘‘हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने के या भेदभाव के हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी को पूरा करे.'' पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका से चले जाने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में गिरावट आई है.मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा देश में अल्पसंख्यकों,विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में दूरी पैदा हो गयी है.