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पाखंड, ये कैसा तर्क? हिंदी-तमिल विवाद में पवन कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं को जमकर सुनाया

03-15 HaiPress

Hindi-Tamil Controversy: केंद्र सरकार और तमिलनाडु के बीच चल रहे भाषा विवाद पर अब आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. जनसेना पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस विवाद पर तमिलनाडु के नेताओं पर पाखंड करने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने भारत की भाषाई विविधता को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश को "सिर्फ दो नहीं,बल्कि तमिल सहित कई भाषाओं की जरूरत है."

भारत को दो नहीं कई भाषाओं की जरूरतः पवन कल्याण

काकीनाडा जिले में एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवन कल्याण ने कहा,"भारत को तमिल सहित कई भाषाओं की जरूरत है,न कि सिर्फ दो. हमें भाषाई विविधता को अपनाना चाहिए,न केवल अपने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए बल्कि अपने लोगों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देने के लिए भी."

स्टालिन ने हिंदी थोपने का लगाया है आरोप

जनसेना पार्टी के 12वें स्थापना दिवस समारोह में पवन कल्याण ने उक्त बातें कही. पवन कल्याण की यह टिप्पणी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा केंद्र सरकार पर 'हिंदी थोपने' और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के त्रि-भाषा फॉर्मूले को लागू करने से इनकार करने के आरोपों के बीच आई है.

कमाई के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करवाते हैंः पवन कल्याण

पवन कल्याण ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पर सीधे नाम लिए बिना कटाक्ष करते हुए कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं पर पाखंड का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे हिंदी का विरोध करते हैं,लेकिन कमाई के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं. कल्याण ने पूछा,"मुझे समझ में नहीं आता कि कुछ लोग संस्कृत की आलोचना क्यों करते हैं.

पवन कल्याण ने आगे कहा कि तमिलनाडु के नेता हिंदी का विरोध क्यों करते हैं,जबकि वित्तीय लाभ के लिए अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं? वे बॉलीवुड से पैसा चाहते हैं,लेकिन हिंदी को स्वीकार करने से इनकार करते हैं. यह किस तरह का तर्क है?"

भाजपा नेता ने डीएमके पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया

शुक्रवार को तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने तीन-भाषा नीति पर पार्टी के रुख को दोहराते हुए कहा कि राज्य के लोग तीसरी भाषा को अपने ऊपर थोपना नहीं चाहते,लेकिन वे स्वेच्छा से इसे सीखने के लिए तैयार हैं. अन्नामलाई ने डीएमके पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया और बताया कि डीएमके नेताओं द्वारा संचालित निजी स्कूल हिंदी पढ़ाते हैं,जबकि सरकारी स्कूल नहीं पढ़ाते.


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