किस्सा कुर्स्क का: तब हिटलर हारा और अब जेलेंस्की! समझिए पुतिन के लिए क्यों यह बड़ी जीत है
03-13 IDOPRESS
मॉस्को:
रूस-यूक्रेन युद्ध में निर्णायक मोड़ नजर आ रहा है. रूस का दावा है कि यूक्रेनी सेना को कुर्स्क में उनके कब्जे वाले 86 फीसदी से अधिक क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिया गया है. कुर्स्क में हावी होने के बाद जेलेंस्की को यकीन था कि बातचीत की टेबल पर यूक्रेन के लिए एक बढ़त होगी. लेकिन अब यूक्रेन कुर्स्क क्षेत्र में अपनी पैठ खोता जा रहा है. मास्को का दावा है कि कीव की सेनाएं पीछे हट रही हैं. कुर्स्क के नतीजों के साथ ही यूक्रेन के युद्ध में हार की भविष्यवाणी भी की जा रही है.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में यात्रा की. सैन्य वर्दी में पहुंचे पुतिन ने हर किसी को हैरान कर दिया. यह दौरा यूक्रेनी सेना द्वारा क्षेत्र के कुछ इलाकों पर कब्जा किए जाने के बाद पहली बार हुआ है. उन्होंने सेना को तेजी से आगे बढ़ने और यूक्रेनी बलों से बचे हुए क्षेत्र को तेजी से वापस लेने का आदेश दिया.
'कुर्स्क में पकड़े गए युक्रेनी सैनिक रूस के लिए आतंकवादी'
पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है,जब वॉशिंगटन ने यूक्रेन से बातचीत के बाद रूस को 30 दिन के युद्ध विराम प्रस्ताव पर विचार करने को कहा था. साथ ही पुतिन ने कहा है कि रूस कुर्स्क क्षेत्र में पकड़े गए यूक्रेनी सैनिकों को आतंकवादी मानेगा. उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी भाड़े के सैनिक जिनेवा संधि (Geneva Convention) के दायरे में नहीं आते. इसका मतलब उन्हें युद्धबंदी नहीं माना जाएगा और ना ही रूस उनके प्रति मानवीय व्यवहार बरतेगा.इससे पहले रूसी मीडिया ने एक वीडियो भी शेयर किया था,जिसमें पुतिन की सेना के पहुंचने के बाद कुर्स्क क्षेत्र के निवासी भावुक बताए गए. वीडियों में दावा किया गया कि एक गांव को आजाद कराने के बाद बुजुर्ग महिला ने रूसी सैनिकों का आभार जताते हुए कहा,'हमारे जवान आ गए'
ये भी पढ़ें:रूस ने अगर सीजफायर से इनकार किया तो... ट्रंप ने पुतिन को दे डाली ये बड़ी चेतावनी
यूक्रेन ने दुनिया को चौंकाया था,अब उसे झटका मिला
जिस कुर्स्क में नाजी सेना हारी थी,वहां यूक्रेनी सेना ने कब्जा कर दुनिया को हैरान किया. फरवरी 2022 में शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग के 2 साल बाद फिर से यूक्रेन कुर्स्क में घुस आया. करीब 81 साल बाद यह मौका था जब रूसी क्षेत्र में कोई विदेशी सेना घुस पाई. पिछले साल गर्मियों में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में हजारों यूक्रेनी सैनिक घुस गए थे.यूक्रेन के इस कदम ने पूरी दुनिया को चौंका दिया. क्योंकि जंग शुरू होने के दौरान कहा जा रहा था कि परमाणु ताकत वाले रूस के सामने यूक्रेन जैसा छोटा देश ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा. अब अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के आने के बाद बहुत कुछ बदल चुका है. यूक्रेन को ना तो अमेरिकी सहायता मिल रही है और ना ही कोई खुफिया जानकारी.