Close

47 साल के देवेंद्र के शरीर में हैं 5 किडनियां! पढ़िए जान बचाने के लिए डॉक्टरों के करिश्मे की कहानी

02-21 HaiPress

तीसरी किडनी देवेंद्र की मौजूदा और दो ट्रांसप्लांट किडनी के बीच लगाई गई है.

नई दिल्ली:

47 साल के देवेंद्र बारलेवार के शरीर में कुल पांच किडनी हैं. इस बात पर आपकोयकीन करना मुश्किल हो जाएगा,मगर ये सच है. पांच में से उनकी सिर्फ एक किडनी ही काम करती है.केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में कार्यरतबारलेवार का तीन बारकिडनी ट्रांसप्लांट हो चुका है.TOI में छपी के खबर के अनुसार,बारलेवार लंबे समय से क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से ग्रस्त थे और उन्हें समय-समय पर डायलिसिस की जरूरत पड़ रही थी. ऐसे में साल 2010 में डॉक्टरों नेबारलेवार का सबसे पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया था.उन्हें पहली किडनी उनकी मां से मिली थी. येकिडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा था औरलगभग एक साल उन्हेंडायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ी.

किडनी ट्रांसप्लांट क्या है?

किडनी ट्रांसप्लांट एक सर्जरी होती है.इस दौरान खराब किडनी को डोनर की किडनी से बदला जाता है.किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं.अधिकांश लोग ट्रांसप्लांट के तीन महीने के अंदर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं.ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई जीवत इंसान की किडनी दान में मिलती है,तोट्रांसप्लांट 20-25 साल तक सफल रहता है.मृत दानकर्ता से प्राप्त किडनी का ट्रांसप्लांट 15-20 साल तक चलता है.किसी इंसान का तीन बार ट्रांसप्लांट होना बेहद हैरान करने वाली बात है.क्योंकि मैचिंग डोनर मिलना इतना आसान नहीं होता है.

साल 2012 में हुआ दूसराट्रांसप्लांट

साल 2012 में देवेंद्र कादूसरा ट्रांसप्लांट किया गया था. इस बार उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें किडनी दान दी थी. साल 2022 तक सब सही चल रहा था और किडनी सही से काम कर रही थी. लेकिन कोविड होने के कारणबारलेवारफिर सेडायलिसिस पर जाने के लिए मजबूर हो गए. जब से वोडायलिसिस के सहारे ही अपनी जिंदगी काट रहे थे. हालांकि साल2023 में एक मृत ने अपना अंग दान किया और एक बार फिर सेदेवेंद्र बारलेवार को किडनी मिल गई. ये किड़नीब्रेन-डेड डोनर ने दी थी.

अमृता अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार और यूरोलॉजी के प्रमुख डॉ अनिल शर्मा ने इस साल जनवरी में किडनी का सफलट्रांसप्लांट किया. करीब 10 दिन बादबारलेवार को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई. अब उनकी किडनी सामान्य रूप से काम कर रही थी.डॉक्टरों के अनुसार दान की गई तीसरी किडनीबारलेवार की खुद की किड़नी औरअन्य ट्रांसप्लांट किडनी के बीच दाईं ओर लगाई गई है.

बारलेवार का वजन अब 44 किलोग्राम है और उन्हें अब डायलिसिस नहीं करवाना होगा. तीन महीने के आराम के बाद,वे नियमित कार्य फिर से शुरू कर सकते हैं.डॉ. शर्मा ने इसट्रांसप्लांट कोचुनौती भरा बताया. TOI से बात करते हुएडॉ. शर्मा ने कहा कि लंबे समय तक चलने वाली क्रोनिक किडनी की बीमारी और असफल ट्रांसप्लांट होने के चलते मरीज के लिए अंग अस्वीकृति का जोखिम बढ़ जाता है. पहले से चार किडनी होने के बाद पांचवीं कोलगा काफी मुश्किल था.योजना के साथ पांचवीं किडनी लगाई गई.

किडनी लगने से अब बारलेवार ने एक बार फिर राहत की सांस ली है. बारलेवार कासौभाग्य है कि उन्हें एक नहीं बल्कि तीन बार किडनी मिली है. क्योंकि अधिकांश लोगों के लिए एक किडनी पाना भीचुनौतीपूर्ण होता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।
© कॉपीराइट 2009-2020 भारतीय समाचार      हमसे संपर्क करें   SiteMap