कौन हैं प्रताप चंद्र सारंगी, जिन्होंने नेता विपक्ष राहुल गांधी पर लगाया है धक्का देने का आरोप
12-19 HaiPress
नई दिल्ली:
ओडिशा के बालासोर से बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि वो संसद की सीढ़ियों पर खड़े थे,इस दौरान राहुल गांधी वहां और एक सांसद को धक्का दिया. उनका आरोप है कि राहुल गांधी ने जिस सांसद को धक्का दिया,वह उनके ऊपर गिर गया,इससे वो नीचे गिर गए. इसमें वो घायल हो गए. इस दौरान बीजेपी के सांसद मुकेश राजपूत गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आईसीयू में दाखिल कराया गया है. वो उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से चुने गए हैं. बेहद सादगी से रहने वाले सारंगी को ओडिशा का नरेंद्र मोदी भी कहा जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम और पशुपालन,डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था. वो 2024 में दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं.
सारंगी का बचपन कैसा रहा
प्रताप चंद्र सारंगी का जन्म 4 जनवरी 1955 को बालासोर जिले के नीलगिरि गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम गोबिंदा चंद्र सारंगी था.नीलगिरि के फकीर कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री ली है. बचपन से ही उनका रूझान आध्यात्म की तरफ था.साधु बनने के लिए कई बार रामकृष्ण मठ गए. वहां से उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया गया कि उनकी मां जिंदा हैं,उन्हें उनकी सेवा करनी चाहिए.अपनी मां के निधन के बाद से सारंगी अकेले रहते हैं.घटना के बाद प्रताप चंद सारंगी से बातचीत करते नेता विपक्ष राहुल गांधी.
इसके बाद सारंगी समाज सेवा से जुड़ गए.अविवाहित सारंगी को अक्सर साइकिल पर घूमते हुए देखा जा सकता है.सारंगी मिट्टी से बने घर में रहते हैं.शुरुआत में वो गांवों में लोगों को राम और रामायण की कथा सुनाते थे.इस काम से सारंगी ने काफी नाम कमाया. लोग उन्हें प्यार से 'नाना' कहते हैं. उन्होंन 80 के दशक में कई एकल (एक शिक्षक वाले)विद्यालय खोले थे. ये एकल शिक्षक विद्यालय,कक्षा तीन या पांच तक के छात्रों को पढ़ाते थे. इसे उसी गांव के पढ़े-लिखे युवा चलाते थे.इन शिक्षकों का वेतन गांव में चंदा करके वसूला जाता था.
राजनीति में कब आए प्रताप सारंगी
सारंगी शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं. उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल में भी काम किया है.वो बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए. वे 2004 और 2009 में नीलगिरि से दो बार विधायक चुने गए थे.बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बालासोर लोकसभा सीट से मैदान में उतरा.इस चुनाव में सारंगी को हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने 2019 के चुनाव में एक बार फिर सारंगी पर भरोसा जताया. इस बार वो अपनी पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए जीत दर्ज की. उन्होंने इस बीजेडी के उम्मीदवार रबींद्र कुमार जेना को 12 हजार 956 वोटों से मात दी. इसके बाद उन्हें नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया.बीजेपी ने सारंगी पर 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भरोसा जताया. सारंगी ने एक बार फिर बालासोर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. सारंगी ने इस मुकाबले में बीजेडी की लेखाश्री सामंतसिंघर को एक लाख 47 हजार 156 वोटों से हराया था. सारंगी को कुल 5 लाख 63 हजार 865 और सामंतसिंघर को कुल चार लाख 16 हजार 709 वोट मिले थे. सारंगी ने अपने चुनाव हलफनामे में कुल 49 लाख 60 हजार की संपत्ति की घोषणा की है. उनके ऊपर नौ आपराधिक मामले भी दर्ज हैं.
कौन हैं मुकेश राजपूत
संसद भवन परिसर में गुरुवार को हुए हंगामे बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए हैं. वो उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.मुकेश राजपूत ने साल 2000 में राजनीति में कदम रखा था. बीजेपी ने उन्हें 2004 में लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं आई थी.उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था.वह जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं .जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित हो जाने की वजह से उनकी पत्नी भी 2006 में अध्यक्ष चुनी गई थीं. बीजेपी ने 2014 में उन्हें फिर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था. वह सांसद चुने गए.उन्होंने 2019 और 2024 का चुनाव भी बीजेपी के ही टिकट पर लड़ा था. इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान जमा कराए गए हलफनामे में राजपूत ने सात करोड़ 79 लाख 49 हजार रुपये की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है.ये भी पढ़ें: अमेरिका के H-1B वीजा में हुए बदलाव भारतीय छात्रों के लिए क्यों है 'गुड न्यूज',पढ़ें इससे जुड़ी हर एक बात