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EPFO 3.0 को लेकर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में केंद्र सरकार, जानें क्या हो सकते हैं बदलाव: सूत्र

12-05 HaiPress

केंद्र सरकार ईपीएफओ में कई बड़े बदलाव की तैयारी में है- सूत्र

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन में बड़े बदलाव की तैयारी में है. सूत्रों से मिली खबर के अनुसार ईपीएफओ को और आकर्षक बनाने के लिए कई प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. खास तौर पर माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में बच्चों को बतौर नोमिनी फायदा देने को लेकर प्रक्रिया को और आसान बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार ईपीएफओ को लेकर होने वाले कई अहम बदलाव अगले साल मध्य तक लागू किए जा सकते हैं. आइये आज हम आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर सरकार ईपीएफओ में और कौन कौन से बदलाव कर सकती है...

पूरी व्यवस्था को और आधुनिक बनाने का है तैयारी

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अभी तक ईपीएफओ के तहत जो प्रकिया है वो पुरानी है. इस पूरी प्रक्रिया को ही आधुनिक बनाने की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार बैंकिंग व्यवस्था की तरह ही ईपीएफओ की व्ययवस्था का भी कायाकल्प करने जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा.श्रम मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिस तरह आज की तारीख में बैंकिंग ऑनलाइन हो चुकी है वैसे ही आने वाले समय में ईपीएफओ को भी ऑनलाइन करने की तैयारी है.

डेबिट कार्ड के कॉन्सेप्ट को लागू करने की है तैयारी

सूत्रों के अनुसार श्रम मंत्रालय इस विषय पर भी विचार कर रहा है कि बैंक खाताधारकों को जिस तरह से डेबिट कार्ड दिया जाता है उसी तरह ईपीएफओ के खाता धारकों को कार्ड देने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. ऐसा होने से खाता धारकों को पैसे निकालने में काफी असानी होगी.

12 फीसदी से ज्यादा भी डाला जा सकता है पैसा

केंद्र सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि अगर कोई कर्मचारी अपनी इच्छा से अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा ईपीएफओ में डालना चाहता है तो वो ऐसा कर सकता है. आपको बता दें कि अभी तक कोई कर्मचारी अपनी कुल कमाई का 12 प्रतिशत ही ईपीएफओ में डाल सकता है.

प्रक्रिया को और असान बनाने पर है जोर

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार इस पर भी ध्यान दे रही है कि अगर किसी खाता धारक या उसकी पत्नी की डेथ हो जाती है तो इस स्थिति में उनके बच्चों को बतौर नोमनी मानकर पैसे तो दिए जाते हैं लेकिन ये प्रक्रिया बेहद जटिल और लंबी है. अब केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को भी सरल करने पर विचार कर रही है. ताकि अगर किसी के साथ ऐसी अनहोनी हो जाती है तो उनके बच्चों को कम से कम समय में पैसे मिल सकें

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