अदाणी ग्रुप पर आरोप लगाए जाने पर नॉर्वे डिप्लोमेट व पर्यावरण विशेषज्ञ ने अमेरिका से पूछे तीखे सवाल
11-28 HaiPress
नई दिल्ली:
नॉर्वे के ग्रीन पॉलिटिशियन,डिप्लोमेट,शांति वार्ताकार,ग्रीन बिजनेस एडवाइजर,और पर्यावरण व विकास जैसे विषयों के इंस्पाइरेशनल स्पीकर एरिक सोलहेम ने अदाणी समूह को लेकर अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे अमेरिकन ओवररीच कहा है. रिपोर्ट के वैश्विक मीडिया कवरेज को लेकर उन्होंने पूछा कि अमेरिकी ओवररीच कब रुकेगी .
अमेरिकी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप से जुड़े कुछ लोगों पर भारत में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था,जिसे अदाणी ग्रुप ने सिरे से नकार दिया है. अदाणी समूह ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि अमेरिका में उनके ऊपर ऐसा कोई आरोप लगा ही नहीं है. साथ ही समूह ने उन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स का भी खंडन किया जिसमें अदाणी समूह पर रिश्वत देने के आरोप लगाए गए थे. इस बीच सोलहेम का भी यही कहना है कि उन आरोपों में हकीकत में रिश्वत देने या अदाणी ग्रुप के लोगों के शामिल होने के सबूत नहीं हैं. ऐसे में ये कहना पूरी तरह से गलत होगा.
'अमेरिका को रोकने का समय आ गया'
एरिक ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि- ''पिछले हफ्ते से ग्लोबल मीडिया में अदाणी समूह के खिलाफ एक अमेरिकी अभियोक्ता द्वारा आरोप लगाए जाने की खबरें भरी पड़ी हैं. अब समय आ गया है कि दुनिया यह पूछना शुरू करे कि अमेरिकी ओवररीच रुकेगी? चलिए एक पल के लिए टेबल के दूसरी तरफ बैठकर देखते हैं और मान लेते हैं कि एक भारतीय अदालत ने अमेरिका में कथित तौर पर किए गए अपराधों के लिए शीर्ष अमेरिकी बिजनेस एक्जीक्यूटिव पर आरोप लगाए हैं. क्या यह अमेरिका को स्वीकार्य होगा? क्या अमेरिकी मीडिया इसे उचित मानेगा?'' उन्होंने कहा कि,''अब यह स्पष्ट हो गया है कि आरोप अदाणी ग्रुप के टॉप लीडर गौतम और सागर अदाणी के खिलाफ नहीं हैं.''When will American overreach stop??
The last week global media have been full of stories about indictment against the Adani Group by an American Prosecutor.
It is time the world starts asking when American overreach will stop? Lets turn the table for a second and assume that… pic.twitter.com/w6JR6QM4vC
— Erik Solheim (@ErikSolheim) November 27,2024
सोलहेम ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों की ऐसी कार्रवाई भारत की ग्रीन एनर्जी ट्रांसफॉर्मेंशन को बाधित करती है,जो कि देश की सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों में से एक हैं. सोलहेम का कहना है कि अब समय आ गया है कि दुनिया यह पूछे कि अमेरिकी ओवररीच कब रुकेगी.
'उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं'
नॉर्वे के पूर्व पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ये साफ है कि गौतम अदाणी और सागर अदाणी के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं. न ही इस बात का सबूत है कि अदाणी ग्रुप के अधिकारियों ने किसी को रिश्वत दी थी.'भारत के हरित बदलाव को धीमा करने की कोशिश'
उन्होंने कहा है कि,''अमेरिका के इस तरह के छल से लोगों के जीवन पर गंभीर परिणाम होते हैं. इससे भारत की आर्थिक महाशक्तियों में से एक के लिए अपने ऑपरेशन के लिए फायनेंस में कठिनाई हो जाती है. इससे अदाणी समूह को सौर और पवन संयंत्र बनाने के बजाय अदालत में समय और संसाधन खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यह भारत के हरित बदलाव को धीमा कर रहा है. अमेरिकी अतिवादिता को रोकने का समय आ गया है!''(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited,an Adani Group Company.)