कौन हैं चिन्मय ब्रह्मचारी? जिन्हें बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए आवाज उठाने पर किया गया गिरफ्तार
11-26 HaiPress
नई दिल्ली:
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर तनाव के बीच सोमवार को एक हिंदू पुजारी और धार्मिक अल्पसंख्यक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया. ये गिरफ्तारी राजधानी ढाका से लगभग 300 किमी उत्तर में स्थित रंगपुर शहर से हुई है. यहां हिंदू समुदाय की ओर से मजबूत कानूनी सुरक्षा और अल्पसंख्यक मामलों के लिए एक मंत्रालय बनाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था.
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से व्यापक राजनीतिक हिंसा देखी जा रही है.
इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और ढाका में भारतीय उच्चायोग को टैग करते हुए एक्स पर लिखा,"मुझे अभी-अभी चौंकाने वाली खबर मिली है कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी,एक हिंदू भिक्षु और इस कठिन समय में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के नेता को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है. कृपया ध्यान दें."
I just received the shocking news that Chinmoy Krishna Das Brahmachari,a Hindu monk & the face and leader of Bangladeshi minorities in this difficult times,has been arrested by the Dhaka police and taken to an undisclosed location. Kind attention @ihcdhaka @DrSJaishankar… pic.twitter.com/J9MszoBUvy
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) November 25,2024हालांकि बांग्लादेशी अधिकारियों ने इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है,लेकिन रिपोर्टों से पता चलता है कि ब्रह्मचारी को इस सप्ताह की शुरुआत में ढाका हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था. उनकी गिरफ्तारी इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाने वाली हिंसा के खिलाफ मुखर होने को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद हुई है.
बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी में लगभग 8 प्रतिशत हिंदू हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से,अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रोकने में नाकाम रहने के लिए मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार की आलोचना हो रही है.
बांग्लादेश में हिंदुओं के व्यवसाय,घर और मंदिरों पर हो रहे हमले
हाल के महीनों में,हिंदू व्यवसायों,घरों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है. शेख हसीना के जाने के बाद से हालात और भी बदतर हो गए हैं. इस महीने की शुरुआत में,चटगांव में अल्पसंख्यक अधिकार रैली में भाग लेने वाले 19 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का आरोप दायर किया गया था.बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश में यूनुस सरकार की आलोचना की है और कहा है कि चिन्मय ब्रह्मचारी हिंदू अल्पसंख्यकों के अस्तित्व की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं.
सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट किया,"प्रसिद्ध फायरब्रांड हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु का बांग्लादेश के ढाका हवाई अड्डे पर जासूसी शाखा द्वारा अपहरण कर लिया गया है. वो बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. बांग्लादेशी सनातनी समुदाय को डर है कि मोहम्मद यूनुस का कट्टरपंथी शासन किसी भी स्तर तक गिर सकता है,यहां तक कि अपने अधिकार के लिए 'कथित खतरों' को भी खत्म कर सकता है. इसीलिए मेरा आग्रह है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर कृपया मामले पर ध्यान दें और तत्काल कदम उठाएं."
Renowned firebrand Hindu Leader; Shri Chinmoy Krishna Das Prabhu has been abducted by the Detective Branch at Dhaka Airport in Bangladesh.
He is leading the fight for the survival & dignity of the Hindu Minorities of Bangladesh.
The Bangladeshi Sanatani Community fear that Md… pic.twitter.com/n5Bb6Zk2JM
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) November 25,2024वहीं सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने गिरफ्तारी को विरोध की आवाज़ों को दबाने के लिए उठाया गया एक सोचा-समझा कदम बताया.
कंचन गुप्ता ने लिखा,"हिंदू नेता और इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को यूनुस शासन पुलिस द्वारा ढाका में गिरफ्तार किए जाने की सूचना है. चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर टारगेट अटैक का विरोध करने और इस्लामवादियों से सुरक्षा की मांग करने वाले हिंदुओं की एक विशाल रैली का नेतृत्व करने के बाद राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. माना जाता है कि हिंदू समुदाय के सबसे बड़े नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को यूनुस शासन की जासूसी शाखा में ले जाया गया है."
Hindu leader and ISKCON monk Chinmoy Krishna Das Brahmachari is reported arrested in Dhaka by Yunus Regime Police.
Chinmoy Krishna Das Brahmachari was charged with sedition after he led a massive rally of Hindus protesting targeted hate attacks and demanding protection from…
— Kanchan Gupta 🇮🇳 (@KanchanGupta) November 25,2024बांग्लादेश में अंतरिम शासन ने चुनावी प्रणाली में सुधार का वादा करते हुए एक चुनावी रोडमैप की घोषणा की थी. हालांकि,लोगों को लोकतंत्र के प्रति इसकी प्रतिबद्धता पर संदेह है,खासकर जब अल्पसंख्यकों के खिलाफ टारगेट हमलों की रिपोर्टें सामने आती रहती हैं.
एक भाषण के दौरान,मोहम्मद यूनुस ने देश भर में 32,000 से अधिक स्थानों पर मनाई जाने वाली दुर्गा पूजा के दौरान सरकार के सुरक्षा उपायों का जिक्र किया था,जो अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता दिखाना था. हालांकि एक्टिविस्टों ने इसे अपर्याप्त बताया है.