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रूस-यूक्रेन में युद्ध के भयावह स्तर पर जाने के आसार, किन देशों ने शुरू कर दी युद्ध की तैयारी

11-20 HaiPress

स्वीडन ने एक बुकलेट जारी की है जिसमें युद्ध की स्थिति में क्या करना है बताया गया है.

World War 3 Threat from Russia: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद जो बाइडेन ने जिस प्रकार की छूट यूक्रेन को जाते-जाते दे दी है उससे पूरे विश्व पर तीसरे विश्व युद्ध के साथ-साथ परमाणु युद्ध का खतरा भी बढ़ गया है. अमेरिका ने जिस लंबी दूरी की मिसाइल के इस्तेमाल पर यूक्रेन पर रोक लगा रखी थी उसे बाइडेन ने हटा दिया. बाइडेन के इस फैसले के बाद यूक्रेन ने इस मिसाइल का इस्तेमाल भी रूस के खिलाफ आरंभ कर दिया है. ऐसे में रूस ने पहले ही परमाणु युद्ध से लेकर युद्ध के विस्तार की चेतावनी पहले ही दी थी.

इधर,रूस और यूक्रेन में युद्ध अब 1,000 दिन से भी ज्यादा के हो गए हैं ऐसे में हालात के खराब होने की वजह से कई यूरोपीय देश अपने निवासियों को युद्ध के लिए तैयार रहने की सलाह दे रहे हैं. स्वीडन,फ़िनलैंड,नॉर्वे और डेनमार्क ने अपने नागरिकों को सलाह जारी की है जिसमें कहा गया है कि नागरिक संकट की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए उपाय कर लें.

स्वीडन ने नागरिकों के भेजे पर्चे

जबकि स्वीडन ने तो लोगों को पर्चे (पैम्फ्लेट) भेजना शुरू कर दिया. इन पर्चों में युद्ध,प्राकृतिक आपदाओं और साइबर या आतंकवादी हमलों के लिए तैयारी करने के बारे में जानकारी दी गई है. फिनलैंड ने विभिन्न संकटों के लिए तैयारियों पर जानकारी देने के लिए एक वेबसाइट तक लॉन्च कर दी है.

स्वीडिश पैम्फलेट में कहा गया है: "सैन्य खतरे का स्तर बढ़ रहा है. हमें सबसे खराब स्थिति - स्वीडन पर एक सशस्त्र हमले - के लिए तैयार रहना चाहिए."

32 पन्नों की पुस्तिका 'इफ क्राइसिस ऑर वॉर कम्स' में खराब न होने वाले भोजन और पानी का भंडारण करने,अपने पास कैश रखने और बागीचों में फल और सब्जियां उगाने जैसी युक्तियां शामिल हैं.

बुकलेट में एक पंक्ति में लिखा है,"अगर स्वीडन पर कोई अन्य देश हमला करता है,तो हम कभी हार नहीं मानेंगे. प्रतिरोध बंद करने की सारी जानकारी झूठी है."

यह उस पैम्फलेट की अपडेटेड कॉपी है जिसे स्वीडन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पांच बार जारी कर चुका है. नए संस्करण में रूस,यूक्रेन या किसी अन्य देश का नाम नहीं लिया गया है.

ब्रोशर स्वीडिश और अंग्रेजी दोनों में प्रिंट में किया गया है और डिजिटल संस्करण कई अन्य भाषाओं में उपलब्ध हैं - जिनमें अरबी,फ़ारसी,यूक्रेनी,पोलिश,सोमाली और फिनिश भाषा शामिल हैं. फ़िनलैंड की वेबसाइट का दावा है कि अधिकारी "आत्मरक्षा के लिए अच्छी तरह तैयार हैं."

फिनलैंड की तैयारी

देश रूस के साथ 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और इसने उच्च स्तर की तैयारी बनाए रखी है. मॉस्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद,फिनलैंड ने रूस के साथ 200 किलोमीटर लंबी सीमा बाड़ बनाने की योजना की घोषणा की थी. यह 10 फीट ऊंची होगी और उसके ऊपर कांटेदार तार होगी. यह काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.

स्वीडिश और फ़िनिश दोनों चेकलिस्ट में पकाने में आसान भोजन शामिल है. फ़िनलैंड ने अपने नागरिकों से बैकअप बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए भी कहा है.

नॉर्वे ने की क्या अपील

इस बीच,नॉर्वे ने भी अपने नागरिकों से युद्ध और अन्य खतरों की स्थिति में एक सप्ताह तक खुद प्रबंधन करने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है.

बीबीसी ने नॉर्वेजियन डायरेक्टोरेट फॉर सिविल प्रोटेक्शन (डीएसबी) में ऐसे अभियानों के लिए जिम्मेदार टोरे काम्फजॉर्ड के हवाले से कहा,"हमने 2.2 मिलियन पेपर प्रतियां भेजी हैं,नॉर्वे में प्रत्येक घर के लिए एक है."

बीन्स के डिब्बे,एनर्जी बार,पास्ता,और दवाइयाँ - जिनमें परमाणु दुर्घटना की स्थिति में आयोडीन की गोलियां भी शामिल हैं - घर पर रखी जाने वाली वस्तुओं की सूची में शामिल हैं.

गौरतलब है कि रूस के 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के मद्देनजर नॉर्डिक पड़ोसियों स्वीडन और फिनलैंड ने अमेरिकी नेतृत्व वाले रक्षा गठबंधन नाटो में शामिल होने के लिए दशकों की सैन्य गुटनिरपेक्षता को छोड़ दिया था. नॉर्वे पश्चिमी रक्षात्मक गठबंधन का संस्थापक सदस्य था.

डेनमार्क ने क्या कहा

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार,डेनमार्क की आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने अपने नागरिकों को संकट से निपटने के लिए आवश्यक पानी,भोजन और दवा के बारे में विवरण ईमेल किया है.

आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में लंबी दूरी की अमेरिकी निर्मित मिसाइलें दागने की अनुमति देने के कुछ दिनों बाद मंगलवार को व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हमलों के लिए रूस के नियमों में ढील दे दी है.

रक्षा तैयारियों पर जोर

32 नाटो सदस्यों में से 23 अब रक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का दो प्रतिशत खर्च करने के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सहमत हुए हैं. हालांकि,बढ़ती आम सहमति यह है कि यूरोप को अपने दम पर खड़ा होने और अधिक प्रयास करना होगा.

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