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झारखंड में इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर क्यों फंसा है पेंच, जानिए लेफ्ट और RJD के साथ क्यों अटक रही है बात?

10-22 HaiPress

नई दिल्ली:

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand assembly elections) के लिए 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. दूसरे चरण के लिए नामांकन की भी शुरुआत मंगलवार से हो गयी. इस बीच इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मामला अटका हुआ है. लेफ्ट और राजद के साथ जेएमएम और कांग्रेस का सीट समझौता अब तक फाइनल नहीं हो पाया है. राजधानी रांची में कई बार संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को टाला गया है. आइए जानते हैं किन मुद्दों पर बात नहीं बन पायी है.

संख्या के साथ-साथ सीटों को लेकर भी है मतभेद


झारखंड में 2 दिन पहले ही राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद जेएमएम की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस और जेएमएम मिलकर 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे वहीं भाकपा माले और राजद के लिए 11 सीटें छोड़ी जाएगी. जिसके बाद यह कयास लगाए गए कि भाकपा माले को 4 और राजद को 7 सीटें मिलेंगी. हालांकि शाम होते-होते राजद की तरफ से 7 सीटों पर समझौते से इनकार कर दिया गया और कहा गया कि उनकी तैयारी 18-20 सीटों पर है. 12 से कम सीटों पर कोई समझौता नहीं होगा.

हेमंत सोरेन ने तेजस्वी को साधा तो माले हुई नाराज


सोमवार को रांची में तेजस्वी यादव के साथ बैठक के बाद ऐसी बात समाने आयी की राजद 7 सीटों पर मान गयी है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई. लेकिन उसके कुछ ही समय के बाद यह बात सामने आने लगी कि भाकपा माले ने कम से कम 5 सीटों की डिमांड रखी है. भाकपा माले के नेता मनोज भक्त ने 13 सीटों पर पार्टी के मजबूत होने की बात कही और कहा कि वो कम से कम 5 सीटों पर चुनाव में उतरेंगे.

राजधनवार और जमुआ को लेकर मतभेद


राजधनवार सीट पर भाकपा माले की अच्छी पकड़ रही है. भाकपा माले के नेता राजकुमार यादव ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को 2014 के चुनाव में हरा दिया था. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में राजकुमार यादव तीसरे नंबर पर रहे थे. ऐसे में भाकपा माले सिंदरी,निरसा,बगोदर के साथ राजधनवार की सीट भी चाहती है. लेकिन जेएमएम की भी नजर इस सीट पर है. राजनीतिक हलको में चर्चा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविंद्र राय जेएमएम के संपर्क में हैं.

जेएमएम और भाकपा माले के बीच विवाद का दूसरा कारण जमुआ सीट है जहां से भाकपा माले के उम्मीदवार ने पिछले चुनाव में लगभग 20 हजार वोट प्राप्त किया था. बीजेपी के वर्तमान विधायक केदार हाजरा हाल ही में जेएमएम में शामिल हुए हैं ऐसे में जेएमएम यह सीट अपने खेमें में चाहती है और माले इसे अपने पास चाहता है.माले के खाते में जाने वाली तीन सीटों पर कोई मतभेद नहीं


इंडिया गठबंधन की तरफ से सिंदरी,निरसा और बगोदर सीट माले के लिए छोड़ी गयी है. सिंदरी और निरसा में पिछले चुनाव में मासस (जो कि अब माले है) के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे. इन दोनों ही सीटों पर जेएमएम के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे. जेएमएम ये दोनों सीट छोड़ने के लिए लगभग तैयार है. वहीं बगोदर सीट पर पिछले चुनाव में माले के विनोद सिंह जीतने में सफल रहे थे. वहां कांग्रेस के उम्मीदवार को महज 2 हजार वोट मिले थे. कांग्रेस भी बगोदर सीट छोड़ने के लिए तैयार है.

एनडीए में सीटों का हो चुका है समझौता


झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के घटक दलों में सीट शेयरिंग पर डील तय हो गई है.सीट बंटवारे के तहत झारखंड की 81 में से 68 सीटों बीजेपी को मिली हैं. एनडीए के घटक दलों में से कौन कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा इसकी घोषणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने की है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एनडीए पूरी ताकत के साथ जनता के सामने जा रही है हमें पूरा विश्वास है कि सरकार हमें यहां सेवा करने का मौका जरूर देगी. उन्होंने आगे बताया कि सीट बंटवारे के तहत AJSU कुल दस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. वहीं जनता दल यूनाइटेड दो सीटों पर और लोकजन शक्ति पार्टी एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

झारखंड में 2 चरण में हो रहे हैं विधानसभा चुनाव


झारखंड में 2 चरण में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण में 43 सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होंगे. 23 नवंबर को मतो की गणना होनी है. साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में जेएमएम कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली थी.

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