LIVE दिल्ली शराब नीति केस : CM केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, जानिए- कब आएंगे तिहाड़ जेल से बाहर
सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनाएगा फैसला
नई दिल्ली:
दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रम कोर्ट ने जमानत दे दी है. तिहाड़ जेल अधिकारियो के मुताबिक,अरविंद केजरीवाल का रिलीज आर्डर आने के करीब 1 घंटे के अंदर अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ जाएंगे. तिहाड़ जेल के पास रिलीज आर्डर फिजीकल और मेल के जरिये आता है. केजरीवाल जेल नंबर 2 में बंद हैं. इस मामले में पहले अरविंद केजरीवाल दिल्ली हाईकोर्ट गए थे,लेकिन वहां से जब उनको राहत नहीं मिली,तो वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के मामले में जमानत दी है. पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता को शराब नीति मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन उनकी रिहाई से पहले ही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
SC ने फैसला रख लिया था सुरक्षितकेजरीवाल ने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी और जमानत से इनकार किए जाने को चुनौती देते हुए दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं. पिछले हफ्ते,जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की सदस्यता वाली पीठ ने केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
केरीवाल की ओर से वकील सिंघवी ने दी ये दलीलें
सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा था कि सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को एफआईआर दायर होने के बाद दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया,लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने के लिए जल्दबाजी में "बीमा गिरफ्तारी" की. उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने केजरीवाल को 'उनके असहयोग और टालमटोल वाले जवाब' के लिए गिरफ्तार किया,लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं,जिनमें कहा गया है कि जांच में सहयोग करने का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आरोपी खुद को दोषी ठहराए और कथित अपराधों को कबूल करे. सिंघवी ने कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन संवैधानिक पदाधिकारी केजरीवाल ने जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया है. उनके भागने का खतरा नहीं है,वह जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए आएंगे और दो साल बाद लाखों पन्नों के दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते.CBI ने जमानत के विरोध का बताया था ये कारण
सीबीआई को आशंका है कि केजरीवाल की रिहाई से कई गवाह अपने बयान से पलट जाएंगे और इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत पर रिहा न करने का आग्रह किया.एएसजी राजू ने कहा था कि गोवा विधानसभा चुनाव में आप की तरफ से मैदान में उतरने वाले कई उम्मीदवार केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही केंद्रीय एजेंसी के समक्ष अपना बयान देने के लिए आगे आए.एएसजी राजू ने तर्क दिया था,'यदि आप केजरीवाल को जमानत पर रिहा करते हैं,तो वे (गवाह) अपने बयान से पलट जाएंगे. केजरीवाल की जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजा जाना चाहिए और उन्हें पहली बार में ही दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका नहीं दायर करनी चाहिए थी.'एएसजी ने कहा था कि गिरफ्तारी जांच का एक हिस्सा है और आम तौर पर किसी जांच अधिकारी को गिरफ्तारी के लिए अदालत से किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती है. लेकिन,वर्तमान मामले में,अदालत ने (गिरफ्तारी करने का) अधिकार देने का आदेश दिया था. जब अदालत के आदेश के अनुसार गिरफ्तारी की जाती है,तो कोई आरोपी मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की दलील नहीं दे सकता.सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में वरिष्ठ आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,बीआरएस नेता के. कविता और आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को जमानत दी थी. अब केजरीवाल को भी इस मामले में जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. हालांकि,उनकी रिहाई से पहले ही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. अरविंद केजरीवाल लगभग 5 महीने बाद जेल से बाहर आ रहे हैं.ये भी पढ़ें :- दिल्ली सीएम केजरीवाल की जमानत से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट्स