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विभाजन विभीषिका दिवस पर CM योगी की पदयात्रा, बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को दी श्रद्धांजलि

08-14 ndtv.in HaiPress

लखनऊ:

15 अगस्त 1947 को मिली आजादी से एक दिन पहले हुए भारत के विभाजन और उस त्रासदी में मारे गए और पीड़ित लाखों लोगों की याद में भाजपा 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मना रही है. विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में पदयात्रा कर रहे हैं. CM योगी ने अमानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि दी.

यूपी के सीएम योगी ने 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर कांग्रेस पर निशाने पर लेते हुए कहा कि सत्ता के लालच में उसने देश का बंटवारा होने दिया और पाकिस्तान के रूप में एक नासूर देश को दे दिया. योगी ने कहा,'वह इतिहास का काला दिन था. दुनिया का एक सनातन राष्ट्र,जो हजारों हजार सालों तक एक भारत रहा हो,वह भारत पहले गुलाम बनाया गया,विदेशी आक्रांताओ ने यहां की परंपराओं की संस्कृति को रौंदा,फिर जो काम इतिहास में किसी युग में नहीं हुआ,वह काम सत्तालोलुप कांग्रेस ने विभाजन की त्रासदी के रूप में किया.' योगी ने कहा कि कांग्रेस ने आजाद भारत को ऐसा नासूर दे दिया,जो आज भी आतंकवाद के रूप में देश को दंश दे रहा है. उन्होंने कहा कि तब राजनीतिक नेतृत्व ने अगर दृढ़ता का परिचय दिया होता,तो दुनिया की कोई ताकत इस देश को बांट नहीं सकती थी.

हजरतगंज में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,"1947 में जो हुआ था,वही अब पाकिस्तान में हो रहा है,वही बांग्लादेश में हो रहा है जो पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था... उस समय 10 लाख हिंदुओं को एक साथ मार दिया गया था और आज भी वही आगजनी,तोड़फोड़,लूटपाट और वही बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है...इतिहास की इन गलतियों से हम कब सबक लेंगे.."

CM योगी ने एक्स पोस्ट में लिखा,"विश्व को 'वसुधैव कुटुंबकम्' के आत्मीय भाव से परिचित कराने वाली हमारी भारत मां को आज ही के दिन,वर्ष 1947 में निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला गया था. यह मात्र देश का विभाजन नहीं,बल्कि मानवता का विभाजन था,इस अमानवीय निर्णय से असंख्य निर्दोष नागरिकों को अपने प्राण गंवाने पड़े,विस्थापन का दंश झेलना पड़ा,यातनाएं सहनी पड़ीं."

वर्ष 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान का निर्माण एक मुस्लिम देश के रूप में किया गया था. उस दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए थे और बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के कारण कई लाख लोगों की जान चली गई थी.

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